गुरुवार, 8 सितंबर 2011

जब विश्व हिंदी बोलेगा

वो दिन ज़रूर आएगा , जब हर्ष से मन डोलेगा

सुन कर आनंदमगन होंगे जब विश्व हिंदी बोलेगा

हिंदी का होगा फिर पूरे जग में ही सम्मान

जाना जायेगा हिंदी से पूरा हिन्दुस्तान

जन जन के मन में हो जायेगा हिंदी का वास

अपनाएंगे सब भारत की संस्कृति है विश्वास

जब किसी विदेशी के साथ, होगी हिंदी में बात

तो एक एक अक्षर मन में अदभुत मिठास घोलेगा

सुन कर आनंदमगन होंगे जब विश्व हिंदी बोलेगा

हिंदी से ही तब हर भारतवासी जाना जायेगा

हिंदी से ही भारत का परचम फिर से लहराएगा

हो जायेगा हिंदी का पूरे जग में विस्तार

तब होगा हाँ विश्व एकता का सपना साकार

है मन में यह विश्वास, यदि हम सब करें प्रयास

तो हर देश हिंदी के लिए सहर्ष ही द्वार अपने खोलेगा

सुन कर आनंदमगन होंगे जब विश्व हिंदी बोलेगा

ज़माने में .....

कहा सबनें शराफत अब बची कम है ज़माने में

रहेगी तबतलक ये जबतलक हम हैं ज़माने में

भला इक बात की खातिर करें क्यों ज़िन्दगी ज़ाया

बहुत बातें अभी बाकी बहुत ग़म हैं ज़माने में

बड़ी तकलीफ में है वो नहीं उसको खबर लेकिन

दुआ करती हुई आँखें कहीं नम हैं ज़माने में

मेरी माँ सर पे मेरे हाथ रखती है हमेशा ही

करे एक बाल भी बांका नहीं दम है ज़माने में

मुहब्बत और भोलापन लगे गुज़री हुई बातें

उसे देखा लगा अब भी ये कायम हैं ज़माने में

करम कर खुद से ये चुन लो यहीं जो चाहते हो तुम

कि जन्नत है ज़माने में जहन्नम है ज़माने में