शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

फ़िर ना ये पल आएगा .......

उगते सूरज पे भी तुम न करना यकीं ,
शाम होते ही वो तो ढल जायेगा,

लेकिन वो सवेरे तो आता है फिर ,
किसने देखा है फिर अपना कल आएगा,

वक़्त का भी है कोई भरोसा नहीं,
आने वाला है जो वो क्या रंग लायेगा,

जिंदगी है ये छोटी सी कहते हैं सब,
कर लो सबकुछ की फिर ना ये पल आएगा ......

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